ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

*एक बार बकेला पार्श्वनाथ भगवान का दर्शन करने जरूर आइये....*

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*छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के पंडरिया तहसील के अंतर्गत पंडरिया से 20 कि मी अंदर तीन तरफ से पहाड़ और तीन तरफ से हाफ नदी से घिरे घने जंगल मे प्रभु पार्श्वनाथ जी की भव्य प्रतिमा 1979 में प्राप्त हुई थी। इस घनघोर जंगल मे जैन दर्शन की मूर्तियों के प्राप्त होने से छतीसगढ़ में खास कर इस अंचल में जैन धर्म के बहुत पहले से होने के प्रमाण प्राप्त है।यंहा हुई खुदाई से जैन मूर्तियों के अलावा प्रागैतिहासिक काल के पासाण के औजार, सोने के सिक्के, सहित ऐतिहासिक वस्तुओ के प्राप्त होने से इसकी प्राचीनता स्वमेव सिद्ध है । यंहा के आदिवासियों द्वारा प्रभु पार्श्व नाथ जी की मूर्ति प्राप्त स्थल पर कभी हल नही चलाते थे क्योंकि वो इनकी देवगन गुरु के नाम से पूजा करते थे तथा अपनी विभिन्न समस्याओं का निराकरण इनसे पाते थे। इस तीर्थ के जीर्णोद्धार के लिए श्री बकेला पार्स्वनाथ जैन श्वेताम्बर तीर्थ ट्रस्ट लगातार काम कर रहा है इस तीर्थ का जीर्णोद्धार की दिशा में सर्वप्रथम उपाध्याय भगवंत परम् पूज्य श्री मनोज्ञसागर जी म सा की प्रेरणा से ट्रस्ट मण्डल का पंजीयन कराकर भूमि क्रय एवम अन्य व्यवस्थाएं की गयी, एवम निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है जो कि निरन्तर जारी है, तीर्थ में छरित पालित पदयात्रा संघ, एवम अनेक आयोजन समय समय पर जारी है जिसमे पोस बदी दसमी का मेला, शिलान्यास, भूमिपूजन,आदि होते रहते है, तीर्थ में प्रथम चातुर्मास उपाध्याय भगवंत प पु मनोज्ञ सागर जी म सा एवम वर्तमान में छतीसगढ़ रत्न शिरोमणि शासन दीपिका महत्तरा पद विभूषिता प पु मनोहर श्री जी म सा की सुशियाये प पु मनोरंजना श्री जी , प पु शुभद्रा श्री जी नवकार जपेश्वरी प पु शुभंकरा श्री जी आदि ठाणा 7 चातुर्मास हेतु विराजित है। वर्तमान में तीर्थ विकास की सारी संकल्पनाएं नवकार जपेश्वरी प पु शुभंकरा श्री जी म सा एवम शासन रत्न श्री मनोज हरण जी के मार्गदर्शन में चल रहा है। तीर्थ स्थल में विकास की दृष्टि से 5000 फिट का प्रवचन हाल, साधु साध्वी के रहवास के लिए कमरे, 54 कमरों की सर्व सुविधा युक्त धर्मशाला, भोजनशाला, मन्दिर जी ,पेढ़ी आफिस,एव बच्चो के मनोरंजन के लिए झूले, गार्डन आदि बन गए है जिनका उपयोग भी हो रहा है। आप सभी से अनुरोध है कि आप कम से कम 1 बार इस प्राचीनतम तीर्थ स्थल का दर्शन कर आवश्यक सुझाव एवम सहयोग प्रदान करे ताकि हमारे पूर्वजों की धरोहर को हम संरक्षित कर अपनी भावी पीढ़ी को सौप सके*

*भारत भर के सभी संघो से जरूर निवेदन ऐसे चमत्कारी दादा पार्श्वनाथ का दर्शन करने जरूर आये इस पहाड़ी में कई जगह सांपो का डेरा है पर आज तक कोई नुकसान किसी को नही हुआ और इस तीर्थ की रक्षा के लिए अग्रसर रहते है ।मनोकामना पूर्ण करने वाले इस अत्यंत प्रभावशाली इस तीर्थ का प्रचार नही हो पाया है पर आप सभी इस तीर्थ के प्रचार के लिए यह मैसेज जरूर सभी ग्रुप में भेजेंगे.....*

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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THANKS FOR VISITING.

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