ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

अहमदाबाद साबारमति मे महापुजा

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[जब  कोई  नहीं  आता  मेरे  दादा  आते  है ]...(२)

[मेरे  दुःख  के  दिनों  में  वो   बड़े  काम  आते  है ]...(२)

[जब  कोई  नहीं  आता  मेरे  दादा  आते  है ]...(२)

मेरी  नैयाँ  चलती  है ,बतवर  नहीं  चलती ,

किसी  और  की  अब  मुजको ,दरकार  नहीं  होती ,

[में  डरता  नहीं  जग  से ,जब  दादा  साथ  में  है ]...(२)

[मेरे  दुःख  के  दिनों  में  वोह  बड़े  काम  आते  है ]...(२)

जो  याद  करें  उनको ,दुःख  हलका  हो  जाये 

जो  भक्ति  करे  उनकी , वे  उनके  हो  जाये ,

[ये  दिन  बोले  कुछ  भी ,पहचान  जाते  है ]...(२)

[मेरे  दुःख  के  दिनों  me  वो  बड़े  काम  आते  है ]...(२)

ये  इतने  बड़े  होकर  इन्हों  से  प्यार  करे 

अपने  भक्तो  के  दुःख  को  प्रभु  पलभर  में  दूर  करे 

[सब  भक्तो  का  कहना ,प्रभु  मान  जाते  है ]...(२)

[मेरे  दुःख  के  दिनों  में  वो  बड़े  काम  आते  है ]...(२)

मेरे  मन  के   मंदिर  में  दादा  का  वास  रहे ,

वो   पास  रहे  या  न  रहे ,दादा  मेरे  पास  रहे ,

[मेरे  व्याकुल  मन  को  ये  जान  जाते  है ]...(२)

[मेरे  दुःख  के  दिनों  में  वोह  बड़े  काम  आते  है ]...(२)

[जब  कोई  नहीं  आता  मेरे  दादा  आते  है ]...(२)

[मेरे  दुःख  के  दिनों  में  वो  बड़े  काम  आते  है ]...(२)


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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