ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

Mulnayak Shree Shambhavnath Bhagwan

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1. अतीत में जैसा भी कर्म किया गया है, भविष्य में वह उसी रूप में उपस्थित होता है

2. अपने द्वारा किए गये शुभ और अशुभ कर्मो का फल अवश्य भोगना पड़ता है

3. कर्म वह दर्पण है जो हमारा स्वरूप हमें दिखा देता है. अत: हमें कर्म का एहसानमंद होना चाहिए.

4. कर्म ही पूजा है और कर्त्तव्यपालन करना भक्ति है.

5. कर्म से भाग्य बनता है और भाग्य से कर्म होता है.

6. इस संसार में कोई किसी को सुख-दुःख देनेवाला नहीं है; मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है.

7. जैसे बछड़ा हजारों गौओं के बीच में अपनी माता को ढूंढ लेता है, उसी प्रकार पहले का किया हुआ कर्म भी कर्ता को पहचानकर उसका अनुसरण करता है.

8. मै कर्म में विश्वास करता हूँ. यदि अच्छा बोया जाता है, तो अच्छा काटा जा सकता है. जब सकारात्मक चीजे होती है, तो वे अच्छी तरह से वापिस मिलती है.

9. बदला लेने पर समय बर्बाद मत करो. जो लोग आपको चोट पहुंचाते है, उनके कर्मो का फल उन्हें मिल जायेगा.

10. जो कुछ हम करते हैं वह हमारी गहरी चेतना में एक बीज बो देता है, और एक दिन यह बीज बढ़ेगा।"
             
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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