ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

नमो जिणाणम

Image may contain: 1 person, indoor
वीतराग तुम्हारे चरणो में,जीवन को थोडा प्यार मिले,
मैं भूल सकूँ दुनिया सारी, तेरा प्यार मुझे किरतार मिले....

यह जीवन का उपवन मेरा, वीरान हुआ मुरझा करके,
पीड़ा की धुप में जल जल के, दिल सूख गया कुम्हला करके,
वापस ये बगिया महक उठे, तेरी करुणा की बौछार मिले.......

मैं माँगू तुमसे ओ प्रभुवर, जीवन में सदा तेरा साथ रहे,
भवसागर की ये नाव मेरी, इसे पार लगाने हाथ रहे,
जिसका हो तू खेवनहारा, नैया को वो पतवार मिले......

जय हो


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
LIKE & COMMENT - https://jintirthdarshan.blogspot.com/
THANKS FOR VISITING.

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.