ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

श्री विघ्नहरा पार्श्वनाथ – सूरत

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श्री विघ्नहरा पार्श्वनाथ – सूरत
सूरत से ६ कि.मी. दूर नदी तट के पास स्थित रांदेर गाँव में मूलनायक आदिनाथ प्रभु के पास में बिराजमान ४१ इंच ऊँचे और २७ इंच चौड़े श्री विघ्नहरा पार्श्वनाथ प्रभु बिराजमान है|
दर्शन के साथ ही भक्तह्रदय के नेत्रों को पावन बनाने वाले है|
ये प्रतिमाजी ३०० वर्ष प्राचीन है |विघ्नों की लताओं का उच्छेद करनेवाले और भक्तो के ह्रदय को भयरहित बनानेवाले में प्रभु यतार्थ नामधरी है|
वि.सं. १६३८ में महोपाध्याय श्री विनयविजयजी म. ने चातुर्मास कर “श्रीपाल-मयणा” के रास की रचना की थी और यही पर उनका कालधर्म हुआ था|
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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