ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

68 अक्षर का मंत्र नवकार महामंत्र कहा जाता है.

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68 अक्षर का मंत्र नवकार महामंत्र कहा जाता है.
एक ही मंत्र इतना बड़ा हो,
ये अपने आप में अनुपम बात है.

इस एक ही मंत्र से अनेक मंत्र निकले हैं 
अनेक सूत्र भी निकले हैं.

चौदह पूर्व का सार इसे यूँ ही नहीं कहा जाता.

अलग अलग मन्त्रों की कुछ झलक:

१. पहले 5 मंत्र तो पहले पांच पद नमो अरिहंताणं, इत्यादि से निकले हैं.
२. ॐ ह्रीं नमो अरिहंताणं, इत्यादि 5 मंत्र अलग से हैं.
३. ॐ ह्रीं श्रीं नमो अरिहंताणं, इत्यादि 5 मंत्र अलग से हैं.

ये कुल पंद्रह हुवे.

अब आगे :
**********

१. ॐ ह्रीं अर्हत~ उत्पत उत्पत स्वाहा ।l
२. ॐ ह्रीं अर्हं नम : ll
३. ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अर्हं नम : ll
४. ॐ ह्रीं नमो ओहि जिणाणं ।l
५. ॐ ह्रीं नमो परमोहि जिणाणं ll

अब आगे:
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१. हर अरिहंत का स्वतंत्र नाम लेकर
जैसे ॐ ह्रीं श्रीं आदिनाथाय नम :

इस प्रकार अनेक मंत्र हैं.

नवकार मंत्र के प्रभाव को शब्दों में बताना संभव नहीं है,
ऐसा स्वयं अरिहंत कहते हैं.

ऐसे नवकार को बोलने का "अधिकार" हमें बचपन से मिला है.
जिसके प्रभाव को "शब्दों" में बोलकर बताया नहीं जा सकता.

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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