ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

श्री आगलोड़ वीर, आगलोड़, गुजरात में विराजमान संघ रक्षक श्री मणिभद्र वीर

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जो देवलोक के इन्द्र होते हुवे भी 
अपना अधिकतर समय 
प्रभु भक्ति और शासन सेवा में बिताते हैं. 

देवलोक में उनके निवास स्थान पर
श्री नेमिनाथ और पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमायें
विराजमान है.

ऐसा उन्होंने श्री इन्द्रदिन्न सूरी को
प्रत्यक्ष होते समय बताया था.

विशेष:
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देवलोक में जैसी प्रतिमाएं हैं,
ऐसी आज भारत में कई स्थानों पर स्थित हैं.


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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