ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

भीलडीया पार्श्वनाथ प्रभु

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भीलडीया पार्श्वनाथ प्रभु
डीसा
सरियद के लोग प्रतिमाजी का उत्थापन करने आये तब प्रभु की प्रतिमा बहुत बड़ी हो गई थी। चारो और भमरे उड़ने लगे। यह भगवान की प्रतिष्ठा लब्धिनिधान श्री गौतम स्वामीजी ने पूर्व समय मे की थी ।
प्रभु की प्रतिमा बहुत प्राचीन और चमत्कारीक है।

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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