ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

जैन शासन की विशेषताए:-

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जैन शासन की विशेषताए:-

१.पंचम काल में धर्म आराधना करनेवाले मनुष्य चौथे देवलोक तक और पापी जीव दूसरी नर्क तक जा सकते है।

२.प्रथम ऋषभदेव प्रभु का पारणा ईक्षु रस से हुआ था शेष 
तीर्थंकरों का पारणा क्षीर से हुआ।

३.जो शुद्धि पूर्वक एक सामायिक करता है वह९२ करोड़,५९ लाख,२५ हजार,९२५ और पल्योपम का आयुष्य बांध सकता है।

४.हाल भरत एरावत क्षेत्र में जन्धाचारण, विद्याचारण तथा अन्य लब्धिधारी मुनि नहीं होते केवल महाविदेह क्षेत्र में ही होते है।

५.छाडा शेठ ने सौ पंखडी वाले कमल की माला से परमात्मा की पूजा की।

६.सनत्कुमार आदि देव सवभाव से ही एकेंद्रिय में उत्पन्न नहीं होते वे गर्भ्ज मनुष्य और तिर्चंय में ही उत्पन्न होते है।

७.नर्क गति में नारकी के जीव जो दुःख प्राप्त करते है उससे अनंत गुणा दुःख निगोद के जीवो को प्राप्त होता है।

८. अवधिज्ञानी तथा मन:पर्यवज्ञानी अपने और दूसरो के संख्यता और अंश्ख्यता भव जान सकता है।

९.उत्सुत्र भाषण में अनंत संसार की वृद्धि होती है।

१०.नारकी के जीवो को क्रोध ज्यादा, तिर्यंच को माया ज्यादा, मनुष्यों को मान ज्यादा, और देवो की लोभ ज्यादा होता है।
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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