ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

जंकिंची नाम तिथं

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जंकिंची नाम तिथं, सग्गे पायालि मानुसे लोए,
जांईं जिन बिम्बाईं, ताईं सव्वाई वंदामी ।।
जहां भी जिन तीर्थ हो, चाहे स्वर्ग में, पाताल लोक यानि नर्क में या फिर मनुष्य लोक में, जहां भी जिन प्रतीमा जी हो, ऊन सभी को मेरा वंदन हो ।।
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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