ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

Shri Pragat Prabhavi Parshvanath Bhagwan. Shri Darbhavati Tirth, Dabhoi.



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हे प्रगट प्रभावी पारसनाथ...प्रभु !!
तूने इच्छाओका आकाश हमे दे दिया...
ना आदि..ना अन्त...दिया...
प्रभु ! सिर्फ छत ही दी होती तो......!!!!
तूने हमे इस जहाँमें भेज दिया....!!
थी तब निर्मल...निर्दोष हमारी काया.. प्रभु ! इसे गंदगीका स्पर्श ना दिया होता तो...!!
तूने हमे घर दिया..परिवार दिया....
प्यार दिया..दुलार दिया..स्नेह दिया....!!
प्रभु ! नफरत...कपट..मायाका
आविष्कार ही ना किया होता तो.....!!!
तो...विरेश कहता है.....सब कहते है.. तेरा वजूद कुछ कम होता क्या.....!!!
तेरे अस्तित्त्वका हमे अहेसास ना होता क्या....!!!
तूने सुख दिया..पर दु:ख देना तू ना भूला
तूने नाव तो दे दी..पर तुफान देना ना भूला...!!
तूने संयोगके साथ वियोग भी दिया....!!
तूने खुशीके साथ..गम भी बेसुमार दिया...!! ताकि...तूजे कोइ भूला ना पाये.....?????
प्रभु ! कर्मोके इस खेलको...तूने तो जित लिया
फिर हम सबको भी जिता दिया होता तो......!!!!!


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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