ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

आगामी चोविसी तीर्थंकर, उनके पूर्व भव एवं वर्तमान स्थिति

कालचक्र अपनी नियमित गति से चल रहा है | वर्तमान अवसर्पिणी काल के पांचवे आरे में हम है इसके बाद छठवा आरा और फिर उत्सर्पनी काल आने को है, तो जानिए उस काल उस समय मैं जम्बुद्वीप के भरत क्षेत्र में होने वाले तीर्थंकरों के पूर्व भव का नाम व भविष्य का नाम और वर्तमान में उनकी स्थिति :

आगामी चोवीस तीर्थंकरों का परिचय :

  • श्रेणिक राजा का जीव, प्रथम नरक से आकर पहले ‘ श्री पद्मनाभजी ‘ होंगे।
  • श्री महावीर स्वामी जी के काका सुपार्श्व जी का जीव, देवलोक से आकर दुसरे ‘ श्री सुरदेव जी ‘ होंगे ।
  • कोणिक राजा का पुत्र उदाइ राजा का जीव , देवलोक से आकर तीसरे ‘ श्री सुपार्श्व जी ‘ होंगे।
  • पोट्टिला अनगार का जीव, तीसरे देवलोक से आकर चौथे ‘ श्री स्वयंप्रभ जी ‘ होंगे।
  • दृढ युद्ध श्रावक का जीव, पांचवे देवलोक से आकर पांचवें ‘ श्री सर्वानुभूति जी ‘ होंगे ।
  • कार्तिक सेठ का जीव, प्रथम देवलोक से आकर छठे ‘ श्री देवश्रुती जी ‘ होंगे ।
  • शंख श्रावक का जीव, देवलोक से आकर सातवें ‘ श्री उदयनाथ जी ‘ होंगे ।
  • आणन्द श्रावक का जीव, देवलोक से आकर आठवें ‘ श्री पेढ़ाल जी ‘ होंगे।
  • सुनंद श्रावक का जीव, देवलोक से आकर नववें ‘ श्री पोट्टिल जी ‘ होंगे।
  • पोखली श्रावक के धर्म भाई शतक श्रावक का जीव, देवलोक से आकर दसवें ‘ श्री सतक जी ‘ होंगे।
  • श्री कृष्ण जी की माता देवकी रानी का जीव, नरक से आकर ग्यारहवें ‘ श्री मुनिसुव्रत जी ‘ होंगे।
  • श्री कृष्ण जी का जीव, तीसरी नरक से आकर बारहवें ‘ श्री अमम जी ‘ होंगे।
  • सुजेष्टा जी का पुत्र, सत्यकी रूद्र का जीव, नरक से आकर तेरहवें ‘ श्री नि:कषाय जी ‘ होंगे।
  • श्री कृष्ण जी के भ्राता बलभद्र जी का जीव, पांचवें देवलोक से आकर चौदहवें ‘ श्री निष्पुलाक जी ‘ होंगे।
  • राजगृही के धन्ना सार्थवाही की पत्नी सुलसा श्राविका का जीव, देवलोक से आकर पन्द्रहवें ‘ श्री निर्मम जी ‘ होंगे।
  • बलभद्र जी की माता रोहिणी का जीव, देवलोक से आकर सोलहवें ‘ श्री चित्रगुप्त जी होंगे।
  • कोलपाक बहराने वाली रेवती गाथा पत्नी का जीव, देवलोक से आकर सत्रहवें ‘ श्री समाधिनाथ जी ‘ होंगे।
  • सततिलक श्रावक का जीव, देवलोक से आकर अठारहवें ‘ श्री संवरनाथ जी ‘ होंगे।
  • द्वारका दाहक द्वीपायन ऋषि का जीव, देवलोक से आकर उन्नीसवें ‘ श्री यशोधर जी ‘ होंगे।
  • करण का जीव, देवलोक से आकर बीसवें ‘ श्री विजय जी ‘ होंगे।
  • निर्ग्रन्थ पुत्र मल्लनारद का जीव, देवलोक से आकर इक्कीसवें ‘ श्री मल्यदेव जी ‘ होंगे।
  • अम्बड़ श्रावक का जीव, देवलोक से आकर बाइसवें ‘ श्री देवचन्द्र जी ‘ होंगे।
  • अमर का जीव, देवलोक से आकर तेइसवें ‘ श्री अनन्तवीर्य जी ‘ होंगे।
  • सतकजी का जीव, सर्वार्थसिद्ध विमान से आकर चौबीसवें ‘ श्री भद्रंकर जी ‘ होंगे।
24 FUTURE TIRTHNKARभविष्य के तीर्थंकरपूर्व भाव के नाम
1SHREE PADMANABH PRABHUJIश्री पद्मनाभ प्रभुजीराजा श्रेणिक
2SHREE SURDEV NATHJIश्री सुरदेव नाथजीसुपार्श्व
3SHREE SUPARSHVA NATHJIश्री सुपार्श्व नाथजीउदंक
4SHREE SWAYAMPRABH NATHJIश्री स्वयंप्रभ नाथजीप्रोषठिल
5SHREE SARVANUBHUTI SWAMIJIश्री सर्वनुभुती स्वामीजीसूर्यकृत
6SHREE DEVSHRUTI PRABHUJIश्री देवश्रुति प्रभुजीक्षत्रिय
7SHREE KULPUTRA PRABHU JIश्री कुलपुत्र जीपाविल
8SHREE UDDANK JIश्री उद्दंक जीशंख
9SHREE PROSHTHIL JIश्री प्रोष्ठिल जीनन्द
10SHREE JAIKIRTI JIश्री जयकीर्ति जीसुनन्द
11SHREE MUNISUVRAT JIश्री मुनिसुव्रत जीशशांक
12SHREE AR JIश्री अर जीसेवक
13SHREE NISHPAAP JIश्री पद्मनाभ प्रभुजी,निष्पाप जीप्रेमक
14SHREE NISHKASHAY JIश्री निष्कषाय जीअवतोरण
15SHREE VIPUL JIश्री विपुल जीरेवत
16SHREE NIRMAL JIश्री निर्मल जीश्री कृष्ण
17SHREE CHITRAGUPT SWAMIJIश्री चित्रगुप्त जीसिरी (बलराम)
18SHREE SAMADHIGUPT JIश्री समाधिगुप्त जीभगली
19SHREE SWYAMBHU JIश्री स्वयंभू जीबागली
20SHREE ANIVARTAK JIश्री अनिवर्तक जीद्वीपायन
21SHREE JAI JIश्री जय जीकनक पाद
22SHREE VIMAL JIश्री विमल जीनारद
23SHREE DEVPAAL JIश्री देवपाल जीस्वरुप दत्त
24SHREE ANNANVEERYA TJIश्री अंनतवीर्य जीसालकिपुत्र
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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