खुशबू आ रही है कहीं से ताजा गुलाब की... शायद खिड़की खुली रह गई मेरे पार्श्व के दरबार की
कुर्बान क्यूँ ना जाऊ, दरबार है निराला ।
मां वामा का है प्यारा, अश्वसेन का है राजदुलारा ।।
क्या खूब सज रहे है, झूले में पार्श्व दादा।
झूला झूला रही है, हँस हँस के वामा माता ।।
क्या पूछते हो हमसे, पहचान उनकी क्या है ,
सिर पे मुकुट है बाँधा और श्याम रंग निराला ।।
पारस की छवि है बांकी, चितवन भी उनका बांका, ये नयन कमल है बांके,
बांका है अश्वसेन का लाला ।।
सब सखिया मंगल गा रही, बाजे है ढोल नगाडा,
सब ओर खुशिया फैली है, सब ओर है हर्ष उजाला ।।
कुर्बान क्यूँ ना जाऊ, दरबार है निराला ...
।।ऊँ ह्वीं श्री फळवृद्धि पार्श्वनाथाय नमः।।
प्रेम का भूखा सारा जहाँ है..
तुम बिन सच्चा प्रेम कहा है..
तू प्रेम का ठाकुर है, तू प्रेम पुजारी है..
इसे सबको लुटा रहा, तेरी दातारी है ।
जब से रखा है कदम तेरी चौखट पर,
आसमां से भी ऊंचा सर मेरा लगता है,
तेज आँधियाँ है, फिर भी मैं रोशन हूँ!!
ये सिर्फ तेरी रहमतों का असर लगता है...!!!
प्रभु तेरे चरणो की अगर धुल जो मिल जाये, सच कहता हु मेरी तकदीर बदल जाए.. हे मेरे नाथ..
🌺☘🌹 "इतना सस्ता और ना सौदा..
दुनिया के बाजार में..💞🌹
🌹💞तीन लोक का मालिक बिकता..
बस थोङे से प्यार में".🌹
आसमां से भी ऊंचा सर मेरा लगता है,
तेज आँधियाँ है, फिर भी मैं रोशन हूँ!!
ये सिर्फ तेरी रहमतों का असर लगता है...!!!
प्रभु तेरे चरणो की अगर धुल जो मिल जाये, सच कहता हु मेरी तकदीर बदल जाए.. हे मेरे नाथ..
🌺☘🌹 "इतना सस्ता और ना सौदा..
दुनिया के बाजार में..💞🌹
🌹💞तीन लोक का मालिक बिकता..
बस थोङे से प्यार में".🌹
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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