माँ लक्ष्मी के अष्ट लक्ष्मी रूप
माँ लक्ष्मी के 8 रूप माने जाते है या यह कहे की आठ प्रकार की लक्ष्मी होती है | हर रूप विभिन्न कामनाओ को पूर्ण करने वाला है | दिवाली और हर शुक्रवार को माँ लक्ष्मी के इन सभी रूपों की वंदना करने से असीम सम्पदा और धन की प्राप्ति होती है |
१) आदि लक्ष्मी या महालक्ष्मी :
माँ लक्ष्मी का सबसे पहला अवतार जो ऋषि भृगु की बेटी के रूप में है।
२) धन लक्ष्मी :
धन और वैभव से परिपूर्ण करने वाली लक्ष्मी का एक रूप | भगवान विष्णु भी एक बारे देवता कुबेर से धन उधार लिया जो समय पर वो चूका नहीं सके , तब धन लक्ष्मी ने ही विष्णु जी को कर्ज मुक्त करवाया था |
३) धन्य लक्ष्मी :
धन्य का मतलब है अनाज : मतलब वह अनाज की दात्री है।
४) गज लक्ष्मी :
उन्हें गज लक्ष्मी भी कहा जाता है, पशु धन की देवी जैसे पशु और हाथियों, वह राजसी की शक्ति देती है ,यह कहा जाता है गज - लक्ष्मी माँ ने भगवान इंद्र को सागर की गहराई से अपने खोए धन को हासिल करने में मदद की थी । देवी लक्ष्मी का यह रूप प्रदान करने के लिए है और धन और समृद्धि की रक्षा करने के लिए है।
५) सनातना लक्ष्मी :
सनातना लक्ष्मी का यह रूप बच्चो और अपने भक्तो को लम्बी उम्र देने के लिए है। वह संतानों की देवी है। देवी लक्ष्मी को इस रूप में दो घड़े , एक तलवार , और एक ढाल पकड़े , छह हथियारबंद के रूप में दर्शाया गया है ; अन्य दो हाथ अभय मुद्रा में लगे हुए है एक बहुत ज़रूरी बात उनके गोद में एक बच्चा है।
६) वीरा लक्ष्मी :
जीवन में कठिनाइयों पर काबू पाने के लिए, लड़ाई में वीरता पाने ले लिए शक्ति प्रदान करती है।
७) विजया लक्ष्मी या जाया लक्ष्मी :
विजया का मतलब है जीत। विजय लक्ष्मी जीत का प्रतीक है और उन्हें जाया लक्ष्मी भी कहा जाता है। वह एक लाल साड़ी पहने एक कमल पर बैठे, आठ हथियार पकडे हुए रूप में दिखाई गयी है ।
८) विद्या लक्ष्मी
विद्या का मतलब शिक्षा के साथ साथ ज्ञान भी है ,माँ यह रूप हमें ज्ञान , कला , और विज्ञानं की शिक्षा प्रदान करती है जैंसा माँ सरस्वती देती है। विद्या लक्ष्मी को कमल पे बैठे हुए देखा गया है , उनके चार हाथ है , उन्हें सफेद साडी में और दोनों हाथो में कमल पकड़े हुए देखा गया है , और दूसरे दो हाथ अभया और वरदा मुद्रा में है।
दीपों से करिए मां लक्ष्मी को प्रसन्न
माता लक्ष्मी को प्रकाश बेहद प्रिय है। इसलिए दीपावली पर दीपक जलाकर मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है। दीपक कहां कहां जलाए जाने चाहिए। दीपावली की रात अपने घर में सात स्थानों पर दीपक का प्रकाश जरुर करें।
पहला धन स्थान या तिजोरी- घर में जहां भी आप रुपए पैसे रखते हैं, वहां दीपक जरुर जलाएं
दूसरा वाहन स्थल- जहां भी आपका वाहन खड़ा होता है, वहां प्रकाश जरुर करें। भले ही वह सायकिल क्यों न हो। माता की कृपा से बड़ा वाहन प्राप्त होगा।
तीसरा जल स्थल- घर में जहां कहीं भी पानी का भंडार होता है, उस स्थान को भी प्रकाशित करें।
चौथा भंडार गृह- घर में जहां भी अन्न भंडार होता है, वहां दीया अवश्य जलाएं।
पांचवां रसोईघर- रसोई घर की सबसे पवित्र जगह है। यहां दीपक जरुर प्रज्जवलित करें।
छठा मुख्य द्वार- घर के मुख्य द्वार से ही मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इसलिए वहांमाता के स्वागत के लिए दीया जरुर होना चाहिए।
सातवां पूजा गृह- पूजा घर में चौमुखा दीपक जलाएं और प्रयास करें कि ये दीपक रात भर जलता रहे।
दूसरा वाहन स्थल- जहां भी आपका वाहन खड़ा होता है, वहां प्रकाश जरुर करें। भले ही वह सायकिल क्यों न हो। माता की कृपा से बड़ा वाहन प्राप्त होगा।
तीसरा जल स्थल- घर में जहां कहीं भी पानी का भंडार होता है, उस स्थान को भी प्रकाशित करें।
चौथा भंडार गृह- घर में जहां भी अन्न भंडार होता है, वहां दीया अवश्य जलाएं।
पांचवां रसोईघर- रसोई घर की सबसे पवित्र जगह है। यहां दीपक जरुर प्रज्जवलित करें।
छठा मुख्य द्वार- घर के मुख्य द्वार से ही मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इसलिए वहांमाता के स्वागत के लिए दीया जरुर होना चाहिए।
सातवां पूजा गृह- पूजा घर में चौमुखा दीपक जलाएं और प्रयास करें कि ये दीपक रात भर जलता रहे।
इन स्थानों पर दीपक जलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, और उस घर में स्थायी रुप से निवास करती हैं।
जय लक्ष्मी माता !
जय लक्ष्मी माता !
धनतेरस पर झाड़ू खरीदकर रख दें यहाँ, रातों-रात होने लगेगी पैसों की बारिश
आप सभी जानते ही हैं कि दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है ऐसे में धनतेरस का दिन सभी के लिए बहुत अच्छा और शुभ होता हैं और सभी जानते ही हैं कि धनतेरस का त्यौहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. ऐसे में यह त्यौहार इस साल यह 5 नवंबर के दिन यानी सोमवार को मनाया जाने वाला हैं. वहीं आप सभी को यह भी बता दें कि इस दिन को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं और ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था इस कारण से इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर के साथ भगवान धनवंतरी की भी पूजा की जाती है.
ऐसे में आप सभी को बता दें कि धनतेरस के शुभ अवसर पर लोग नए सामान खरीदते हैं क्योंकि इस दिन नए सामान खरीदना शुभ होता हैं और कहते हैं कि इस दिन नमक जरूर खरीदना चाहिए और उसका इस्तेमाल भी करना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता हैं कि नमक खरीदने से घर में धन की वृद्धि होती हैं.
ऐसा भी कहा जाता हैं कि इस दिन नमक के पानी से पोछा लगाने से बहुत शुभ होता हैं. धनतेरस पर झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए और उसे इस दिशा में रखना चाहिए क्योंकि इस दिशा में रखने से बहुत लाभ होता हैं और माँ लक्ष्मी खुश हो जाती हैं. आपको बता दें कि वह दिशा उत्तर हैं जहाँ आप झाड़ू को रखकर धनलाभ ले सकते हैं. कहते हैं धनतेरस के दिन झाड़ू से साफ किया जाए तो देवी माँ लक्ष्मी आपके घर में निवास करती हैं.
आप सभी जानते ही हैं कि दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है ऐसे में धनतेरस का दिन सभी के लिए बहुत अच्छा और शुभ होता हैं और सभी जानते ही हैं कि धनतेरस का त्यौहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. ऐसे में यह त्यौहार इस साल यह 5 नवंबर के दिन यानी सोमवार को मनाया जाने वाला हैं. वहीं आप सभी को यह भी बता दें कि इस दिन को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं और ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था इस कारण से इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर के साथ भगवान धनवंतरी की भी पूजा की जाती है.
ऐसे में आप सभी को बता दें कि धनतेरस के शुभ अवसर पर लोग नए सामान खरीदते हैं क्योंकि इस दिन नए सामान खरीदना शुभ होता हैं और कहते हैं कि इस दिन नमक जरूर खरीदना चाहिए और उसका इस्तेमाल भी करना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता हैं कि नमक खरीदने से घर में धन की वृद्धि होती हैं.
ऐसा भी कहा जाता हैं कि इस दिन नमक के पानी से पोछा लगाने से बहुत शुभ होता हैं. धनतेरस पर झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए और उसे इस दिशा में रखना चाहिए क्योंकि इस दिशा में रखने से बहुत लाभ होता हैं और माँ लक्ष्मी खुश हो जाती हैं. आपको बता दें कि वह दिशा उत्तर हैं जहाँ आप झाड़ू को रखकर धनलाभ ले सकते हैं. कहते हैं धनतेरस के दिन झाड़ू से साफ किया जाए तो देवी माँ लक्ष्मी आपके घर में निवास करती हैं.
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
LIKE & COMMENT - https://jintirthdarshan.blogspot.com/
THANKS FOR VISITING.
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.