ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

डर मुझे भी लगा फांसला देख कर पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर खुद ब खुद नज़दीक आती गई मंज़िल मेरे सर पर हाथ *दादा आदिनाथ* का देखकर।

डर मुझे भी लगा फांसला देख कर पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर खुद ब खुद नज़दीक आती गई मंज़िल मेरे सर पर हाथ *दादा आदिनाथ* का देखकर।☺🤗

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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