जो घमंड करते थे वह अपने घमंड (Ego) के कारण ही गिरे,इसीलिए किसी को घमंड नहीं करना चाहिए घमंड ही हार का द्वार है”
“जो मनुष्य अहंकार करता है, उसका पतन एक दिन अवशय ही होगा”
“घमंडी का घर खाली ही होता है”
“किसी भी स्तिथि में घमंड मत करना क्यूंकि यह बहरूपिया संसार हर घड़ी हज़ारों रंग बदलता है”
“अभिमान की अपेक्षा नर्मता से अधिक लाभ होता है”
“अहंकार ने देवदूतों को भी नष्ट क़र दिया”
“अभिमान संवय को खा जाता है”
“यदि आपने ठोकर खायी है तो अवशय ही उस समय आपके मन में अहंकार पल रहा होगा”
“जहां अभिमान का अंत हो जाता है वहीँ प्रतिभा का आरम्भ होता है”
“तन, धन और भाग्य पर अभिमान नहीं करना चाहिए”
“अहंकार सोने का हार भी मिटटी बना सकता है”
“अहंकार तो रावण का भी नहीं रहा फिर तुम क्या चीज़ हो”
“अभिमान कभी अपने अपमान को नहीं भूलता”
“जिसे होश है वह कभी अहंकार नहीं करता”
“परमात्मा प्रेम स्वरूप है और प्रेम से ही प्राप्त हो सकता है, दिल में अहंकार, नफरत और क्रोध जैसी बुराइयां होने पर परमात्मा को प्राप्त नहीं किया जा सकता”
“सच्चा काम अहंकार और स्वार्थ को छोड़े बिना नहीं होता”
“अहंकार का कारण है, अपने असली सवरूप अर्ताथ “मैं” को ना समझना, जैसे ही व्यक्ति “मैं” को उसके असली सवरूप में देख लेता है, उसका अहंकार वैसे ही अदृश्य हो जाता है जैसे दीपक जलने पर अंधकार का अता पता नहीं रह जाता”
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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