जैन विचारधारा अनुसार ,
_*दीपावली :-*_
आसो वद अमास के दिन ,
चरम तीर्थंकर भगवान श्री महावीर स्वामी का निर्वाण हुआ ।
चरम तीर्थंकर भगवान श्री महावीर स्वामी का निर्वाण हुआ ।
जिस तरह घर के प्रिय व्यक्ति का निधन एक शोक का अँधेरा होता है, वैसे यह एक दुखद दिन है ।
भगवान द्वारा प्रकाशित ज्ञान का दीपक बुझ गया और इसकी कमी को दूर करने के प्रयास में
खुद के प्रकाशित दीपक प्रगटाने की प्रथा शुरू हुई ।
खुद के प्रकाशित दीपक प्रगटाने की प्रथा शुरू हुई ।
*अतः दीपावली ।*
_*नया साल :-*_
भगवान के निर्वाण से माना गया कि अब एक युग का अंत हुआ ।
और बाद के कार्तक सूद एकम से नये वर्ष , संवत , काल गणत्री
का प्रारंभ हुआ ।
का प्रारंभ हुआ ।
और उसी दिन भगवन के पट शिष्य गणधर श्री गौतम स्वामी को केवलज्ञान प्राप्त हुआ ।
उनके लिए एक नूतन दिन , वर्ष, युग का प्रारंभ हुआ ।
*अतः नया साल*
प्रिय जीव ,
परमोपकारी भगवान श्री महावीर प्रभु निर्वाण से प्रागट्य *"दिपावली पर्व"*
एवं
अनंतलब्धिनिधान श्री गौतमस्वामीजी केवलज्ञान से प्रकाशमान *"नुतनवर्ष"* ,
एवं
अनंतलब्धिनिधान श्री गौतमस्वामीजी केवलज्ञान से प्रकाशमान *"नुतनवर्ष"* ,
आप के आध्यात्मिक जीवन की प्रगति बढ़ाये ऐसी हार्दिक शुभकामनाये।।
_*नया साल फलदायी हो*
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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