ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

ॐ श्री मणिभद्राय नमः ।।

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घरेलु सहू काम सिद्ध करवा चो देव साचा तमे,
ने विघ्नों सघला विनाश करवा, चो शक्ति शाली तमे,
सेवे जे चरणों खरा ह्रदय थी , तेहने उपाधि नथी,
एव श्री मंदिभद्र देव तमने , वंदु खरा भावति....

देव सुख समस्त जानने , जे छे सदा जगता,
सेवना कर्नारना पलकमाँ , कष्टों बघा कापता,
सीधी सर्व मले आने भय टले , आपे सदा सन्मति,
एव श्री मणिभद्र देव तमने वंदु घना भाव थी.......

जय हो मणिभद्र वीर दादा की _

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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