ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

उधरोज गुजरात में विराजमान श्री मणिभद्र वीर

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।। ॐ असीआउसा नमः श्री माणिभद्र दिसतु मम सदा सर्वकार्येषु सिद्धिं ।।
जय जिनेन्द्र सा 卐
जय हो श्री माणिभद्र वीर की_/\_


यक्षराज श्री मणिभद्र वीर, भगवान् महावीर स्वामी के निर्वाण से ४ वर्ष पूर्व ही इंद्रा बने हैं । वे भगवान के निर्वाण महोत्सव में शामिल थे । वो एक भवतारी है, यानि जो अगले जनम में मोक्ष जाने वाले हैं ऐसा उन्होंने तापगच्छाधिपति श्री इंद्रदिन्नसूरी महाराज साहेब को बताया है ।
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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