ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

*लक्ष्मी सिर्फ पुण्य से मिलती है और पुण्य केवल धर्म से ही मिलता है*

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 """" *लक्ष्मी*"""" 
अगर 
मेहनत से मिलती, तो
. *मजदूरों*
के पास क्यों नही..?
बुद्धि से मिलती तो,
*चालाक और चतुरों*
के पास क्यों नही..?
ताकत से मिलती तो,
*पहलवानों*
के पास क्यों नही...
*लक्ष्मी सिर्फ पुण्य से मिलती है और पुण्य केवल धर्म से ही मिलता है*

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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