ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

खुश रहने का मतलब यह नहीं की सब ठीक है!

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खुश रहने का मतलब यह नहीं की सब ठीक है!इसका मतलब यह है की, आपने अपने दु:खों से ऊपर उठकर जीना सिख लिया है!

हे जीव!
दुख में तो ऐसे डर जाते हो कि जैसे आज तक दुःख भोगा ही ना हो, और सुख में तुम ऐसे अभिमानी हो जाते हो की मेरे से बड़ा कोई है ही नहीं!

हे जीव तुम हर स्थिति में एक जैसे भाव रखने का प्रयास करो,सुख में फूले न समाओ और दुःख में डरो नहीं!

याद रखो!
"सुख ने आकर के चले जाना है,
दुख ने भी आकर चले जाना है"

धीरे-धीरे समझा तु इस मन को,
इस मन को,हाँ,इस मन को!

हम मौन का अभ्यास करें,
"मौन से जानो तुम हो कौन"
धीरे-धीरे अभ्यास से 
हम सीख जाएं । 
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हर रोज़ करें
नित्य अपने पास वाले जैन धर्म स्थान पर जाना,
गुरुओं की वाणी सुनना,
प्रवचन में सुनाई गई बातों को अपने जीवन में उतारना,
औरों को भी धर्म की बातें सिखाना
जय जिनेंद्र

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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