ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

नमो जिणाणं

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हे प्रभु ! अनंत प्रबल पुण्य के प्रभाव से जैन कूल, 

जिनधर्म मिला. इंद्रीयां परिपुर्ण मिली. 
ऐसे दुर्लभ धर्म की प्राप्ति होने पर 
मै क्षण मात्र भी प्रमाद ना करूं ! 
मै वह दुर्लभ बोधि को प्राप्त करूं .
हे प्रभु मुझे ऐसी शक्ति दो.

कभी-कभी....

आप सातवें आसमान पर हों,
तब भी विनम्र रहे |
कभी-कभी ....
आप तह तक गिर जाते हो,
तब भी आशाएं रखें |
--- जीओ तो ऐसे जीओ ---


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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