स्फटिक मणि की चंदा प्रभु की प्रतिमा चंद्रप्रभु जो फ़िरोज़ाबाद ( UP) में विराजमान है। आज भी ये प्रतिमा दिन में कई बार अपना रंग बदलती है। कहते हैं दवार के राजा इसको अपने यहां लेकर आए थे और मुगल काल में जब जैन मंदिरों और प्रतिमाओं को खंडित किया जा रहा था तब राजा ने इस प्रतिमा को यमुना नदी में विसर्जित कर दिया था। सैकड़ों वर्षों बाद एक बुढी माँई को एक स्वप्न आया कि यमुना नदि में परमात्मा की प्रतिमा है ।उसे बहार निकालो बुढी माँई ने बोला भगवान इतनी बड़ी यमुना है भादो का महीना है। यमुना में सिर्फ पानी ही पानी है प्रतिमा को कहाँ ढूंढेंगे? तो जबाव आया कि एक फूलों से भरी टोकरी नदी में छोड़ीये और जहाँ वो टोकरी रूक जाये बस वही परमात्मा की प्रतिमा हैं। इस तरह यमुना नदी से प्रतिमा प्रकट हुयी ।
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
LIKE & COMMENT - https://jintirthdarshan.blogspot.com/
THANKS FOR VISITING.
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.