ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

जय ज़िनेन्द्रदेव की जय वितराग प्रभु

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जय ज़िनेन्द्रदेव की जय वितराग प्रभु 
ना हो कोई 
दिगंबर श्वतांबर तेरा पंती स्तानक वासी 
हम एक देव के अनुयायी 
हम एक देव के विस्वासी 
हम जेनी अपना धर्म जैन
इतना ही परिच्य केवल हो
एसा आने वाला कल हो
हम यही कामना करते है
हो घर घर मैं जैन धर्म सारी धरती धर्म स्तल हो
हम यही कामना करते है
जय ज़िनेन्द्र


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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