ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

Semliy tirth

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*दुःख में स्वयं की एक अंगुली*
*आंसू पोंछती है ;*
*और सुख में दसो अंगुलियाँ*
*ताली बजाती है ;*
*जब स्वयं का शरीर ही ऐसा*
*करता है तो*
*दुनिया से क्या गिला-शिकवा*
*करना...!!*
*अतः*
*हँसते रहिये, हँसाते रहिये*
*और*
*सबका भला करते रहिये..!!*
💐💐💐
*और एक बात पर ध्यान देना 👇🏻*
*आनंद का क्षण और अन्न का कण कभी मत छोड़ियो जहा मिले जब मिले जैसा मिले जितना मिले लेते रहिये।*

 🍃🍃🍃🌺🌺🍃🍃🍃 *_💐
सुंदरता से बढ़कर चरित्र है प्रेम से बढ़कर त्याग है ,,


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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