ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

Shri Sumeru Jain Tirth

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भगवान सीमंधर स्वामी कहाँ पर है?

भगवान सीमंधर स्वामी का जन्म हमारी पृथ्वी के सत्रहवें तीर्थंकर श्री कुंथुनाथ स्वामी और अठारहवें तीर्थंकर श्री अरहनाथ स्वामी के जीवन काल के बीच में हुआ था। भगवान श्री सीमंधर स्वामी के पिताजी श्री श्रेयंस पुंडरिकगिरी के राजा थे। उनकी माता का नाम सात्यकी था।

अत्यंत शुभ घड़ी में माता सात्यकी ने एक सुंदर और भव्य रूपवाले पुत्र को जन्म दिया। जन्म से ही बालक में मतिज्ञान,श्रुतज्ञान और अवधि ज्ञान थे।

उनका शरीर लगभग १५०० फुट ऊँचा है। राज कुमारी रुकमणी को उनकी पत्नी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जब भगवान राम के पिता राजा दशरथ का राज्य हमारी पृथ्वी पर था, उस समय महाविदेह क्षेत्र में भगवान सीमंधर स्वामी ने दीक्षा अंगीकार करके संसार का त्याग किया था। यह वही समय था, जब हमारी पृथ्वी पर बीसवें तीर्थंकर श्री मुनीसुव्रत स्वामी और इक्कीसवें तीर्थंकर श्री नेमीनाथ की उपस्थिति के बीच का समय था। दीक्षा के समय उन्हें चौथा ज्ञान उद्भव हुआ, जिसे मनःपयार्य ज्ञान कहते हैं। एक हज़ार वर्ष तक के साधु जीवन, जिसके दौरान उनके सभी ज्ञानावरणीय कर्मों का नाश हुआ, उसके बाद भगवान को केवळज्ञान हुआ।

भगवान के जगत कल्याण के इस कार्य में सहायता के लिए उनके साथ ८४ गणधर, १० लाख केवळी (केवलज्ञान सहित), १० करोड़ साधु, १० करोड़ साध्वियाँ, ९०० करोड़ पुरुष और ९०० करोड़ विवाहित स्त्री-पुरुष (श्रावक-श्राविकाएँ) हैं। उनके रक्षक देव-देवी श्री चांद्रायण यक्ष देव और श्री पाँचांगुली यक्षिणी देवी हैं।

महाविदेह क्षेत्र में भगवान सीमंधर स्वामी और अन्य उन्नीस तीर्थंकर अपने एक करोड़ अस्सी लाख और ४०० हज़ार साल का जीवन पूर्ण करने के बाद में मोक्ष प्राप्ति करेंगे। उसी क्षण इस पृथ्वी पर अगली चौबीसी के नौवें तीर्थंकर श्री प्रोस्थिल स्वामी भी उपस्थित होंगे। और आँठवें तीर्थंकर श्री उदंग स्वामी का निर्वाण बस हुआ ही होगा।

तीर्थंकर का अर्थ है, पूर्ण चंद्र! (जिन्हें आत्मा का संपूर्ण ज्ञान हो चुका है - केवलज्ञान) तीर्थंकर भगवान श्री सीमंधर स्वामी महाविदेह क्षेत्र में हाज़िर हैं। हमारी इस पृथ्वी (भरतक्षेत्र) पर पिछले २४०० साल से तीर्थंकरों का जन्म होना बंद हो चुका है। वर्तमान काल के सभी तीर्थंकरों में से सीमंधर स्वामी भगवान हमारी पृथ्वी के सबसे नज़दीक हैं और उनका भरतक्षेत्र के जीवों के साथ ऋणानुबंध है।

सीमंधर स्वामी भगवान की उम्र अभी १,५०,००० साल है। और वे अभी अगले १,२५००० सालों तक जीवित रहेंगे, अतः उनके प्रति भक्ति और समर्पण से हमारा अगला जन्म महाविदेह क्षेत्र में हो सकता है और भगवान सीमंधर स्वामी के दर्शन प्राप्त करके हम आत्यंतिक मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं।



BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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