ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

श्री वंथली जैन तीर्थ-શ્રી વંથલી તીર્થ -Shri Vanthali Tirth

Image may contain: 3 people, people smiling

Image may contain: indoor

Image may contain: 3 people

Image may contain: 1 person

No automatic alt text available.

श्री वामस्थली तीर्थ -श्री वंथली जैन तीर्थ
पूर्वे वामनस्थली तरीके प्रख्यात श्री सिद्धराजनां मंत्री सज्जननी जन्मभूमि। सज्जन मंत्री ए सोरठ कर उपजथी गिरनार जीणोद्धार कर्यानुं सांभलता कोप साथे आवेल सिद्धराजने तेना पिताना नामना बनावेल " कर्णविहार " प्रासादनां दर्शन करावतां हर्ष पामी संघमांथी एकत्र करेल रकम न लेता तेमांथी वंथळीमां भव्य जिनालय बनाव्युं। त्यां काळांतरे मस्जीद थइ।
प्रतिमाओ सुरक्षीत रही , अत्यारे 150 से.मी. ना श्वेतवर्णना पद्मासनस्थ मूलनायक श्री शीतळनाथ संप्रति राजाना समयना छे। जे अहींना गांधी बगीचामांथी संकेत अनुसार वर्षो पूर्वे प्राप्त थयेल जे अति प्रभावक छे। साथे संसारना संतप्त जीवोने शीतळता आपी नाम सार्थक करे छे। अहीं पद्मप्रभ पण प्रभावक छे। जूनागढथी 16 की. मी. ना अंतरे आवेल छे।

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
LIKE & COMMENT - https://jintirthdarshan.blogspot.com/
THANKS FOR VISITING.

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.