ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

जटाधारी मुनिसुव्रतस्वामि दादा....

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जय श्री मुनिसुव्रतस्वामि दादा.....

शायद दूनिया की एकमात्र ओर अजायबी स्वरुप प्रतिमाजी....जटाधारी मुनिसुव्रतस्वामि दादा....

पातालसे निकली इस प्रतिमाका भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव आज वैशाख वद सातम ता.18/05/17 को संपन्न हुआ....

आंध्रप्रदेश के राजहमुन्द्री शहर के पास आये हुए कुमारदेवम तीर्थ स्थान मे आज ये अलौकिक प्रतिमाजी का विधिवत प्रतिष्ठा महोत्सव हुआ....

भुगर्भ से मिलने के बाद कइ समय तक अजैन लोग शंकर भगवान समजकर पूजते रहे.....बाद मे आसपास के जैनो के समजाने पर जैनोको ये प्रतिमा सोंपी गइ....


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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