ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

हे मेरे भगवान



हे मेरे भगवान
मेरे पैरों में इतनी शक्ति देना,
 कि दौड़-दौड़ कर तुम्हारे दरवाजे आ सकूं...

 मुझे ऐसी सदबुद्धि देना कि सुबह शाम, 
 घुटने के बल बैठकर तुम्हें प्रणाम कर सकूं...

 सौ साल जिऊँ या पचास साल यह तुम्हारी मर्जी...
 मेरी अर्जी तो सिर्फ इतनी है कि जब तक जिऊँ,
जिव्हा पर सिर्फ तुम्हारा नाम रहे
हे मेरे भगवान
 

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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