ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

श्री विमलनाथ परमात्मा - राजकोट -गुजरात

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विमल तेरे द्वारपे
होता बेडा पार है

है ये प्रभात विमल
विमल करे आतम निर्मल

निर्मल आतम बने परिमल
परिमल बने जिवन उपवन

उपवन करे कवन नंदनवन
नंदनवनसे प्रभु प्रीतिका आगमन

आगमन कराये सदगति प्रति प्रस्थान
प्रस्थान हो विमल पथ पर मिले परम धाम


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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