ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

Bimbdod Jain Tirth


हे करुणामय अरिहंत!
आपने सरल मार्ग बताया है मोक्ष का
जिस पर हमें चलना है,
पर आज लोग "मार्ग" को ही पकड़ कर बैठें हैं
साथ ही धर्म क्रियाओं को "जड़ता" से पकड़कर
उसे क्लिष्ट बना दिया है.
राज योग, कर्म योग, ग्यान योग ये सबके बस की बात नहीं, इसलिए मीरा सूरदास की तरह हम भक्ति मार्ग को
चुन सकें, इतनी कृपा बरसाना.

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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