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ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......
Shankeshwar Parshwanath
हॆ वीतरागी भगवंत
मेरे जैसे होंगे लाखों,
मेरा तो बस तू ही "दादा"
होते हैं सबके लाखों ठिकाने,
मेरा तो तेरे चरणों में ही ठिकाना
जो खुद के लिये नहीं दूसरों के लिये सोचता है,
उनके लिये भगवान खुद सोचता है !!
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