500 year old idol of Moolnayak Aadinath Bhagwan (Brought from Ranakpur Tirth) talhati mandir, kangra himachal pradesh
*द्वितीय तीर्थंकर श्री अजितनाथ भगवान
*चैत्यवंदन/स्तवन/स्तुति *
*चैत्यवंदन*
अजितनाथ प्रभु अवतर्या, विनीता न स्वामी;
जितशत्रु विजया तणो, नंदन शिवगामी:
बहोत्तर लाख पुरव तणु, पाल्यु जीणे आय;
गज लंछन लंछन नहीं, प्रणमे सुरराय:
साढ़ा चारशे धनुष नि, जिनवर उत्तम देह,
पाद पद्म तस प्रणमिए, जिम लहिए शिव गेह:
जितशत्रु विजया तणो, नंदन शिवगामी:
बहोत्तर लाख पुरव तणु, पाल्यु जीणे आय;
गज लंछन लंछन नहीं, प्रणमे सुरराय:
साढ़ा चारशे धनुष नि, जिनवर उत्तम देह,
पाद पद्म तस प्रणमिए, जिम लहिए शिव गेह:
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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