ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

सत्य को कहने के लिए


*सत्य को कहने के लिए किसी,*
*शपथ की जरूरत नहीं होती।*

*नदियों को बहने के लिए किसी,*
*पथ की जरूरत नहीं होती।*

*जो बढ़ते हैं जमाने में,*
*अपने मजबूत इरादों के बल,*

*उन्हें अपनी मंजिल पाने के लिए,*
*किसी रथ की जरूरत नहीं होती।*
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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