ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

ज्ञान व गुणों का प्रयोग पहले हमें स्वयं पर करना है, क्योंकि जो हमारे नज़दीक हैं वे पहले यह देखते हैं कि हम जो कहते हैं, उस पर स्वयं, कितना चलते हैं, वरना कहने या सुनाने का असर नहीं होगा, हमारी कथनी, करनी व व्यवहार समान हो।
No matter how beautifully you behave with people around you, they will judge you according to their needs and mood.
Stay as simple as you can because Simplicity in anything is *impossible to copy.*
संघर्ष प्रकृति का "आमन्त्रण" है।
जो स्वीकार करता है, वही आगे बढ़ता है
Information is currency.
करें किसका एतबार, यहाँ सब अदाकार ही तो हैं और
गिला भी किससे करें, सब अपने यार ही तो है।
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH 
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