ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

जब दादा की रेहमत होगी
तेरे बिगड़े काज सवँर जाएँगे
तेरी आँखों के सामने ही 
तेरे सारे दुःख दर्द टल जाएँगे
बस थोड़ा भरोसा रख उस अरिहंत पर
अपने आप तेरी क़िस्मत के पन्ने पलट जाएँगे

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