ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

: सबसे बड़ी भूल :


: सबसे बड़ी भूल :
1. अपने आत्मा का स्वरुप न जानना सबसे बड़ी भूल है ।
2. द्रव्य की स्वतंत्रता को ना मानना सब से बड़ी भूल है। 
3. विकारो और कषायों को आत्मा का स्वरुप मानना सब से बड़ी भूल है। 
4. क्रमबद्ध पर्याय को ना मानना सबसे बड़ी भूल है। 
5. मिथ्यात्व मे ही रहेना सबसे बड़ी भूल है।
6. गुरु और सद्गुरु को ना पहचान पाना सब से बड़ी भूल है।
7. अपनी आत्मा के अलावा पर के घर में झांखना सब से बड़ी भूल है।
8. आत्मा त्रिकाल अपरिणामी, अजर , अमर , अविनाशी चैतन्य पदार्थ है उसको स्वीकार ना करना सब से बड़ी भूल है।
9. आत्मा तो अनादि से परिपूर्ण , सिद्ध , गुणों से परिपूर्ण , ज्ञानानंदि,शुद्ध स्वरूपी ही है वो श्रद्धान् में नहीं होना बड़ी भूल है।
10. त्रिकाल ज्ञायक हो वो ना समजना सबसे बड़ी भूल है।
11. कोई भी एक भी पर्याय में फेरफार नहीं कर सकते फिर भी उसको बदलने की कोशिश करते रहते है वो सब से बड़ी भूल है।


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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