ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

मैं तेरी महर की नज़र चाहता हुं,


मैं तेरी महर की नज़र चाहता हुं,
दुआओं में अपनी असर चाहता हुं,
मैं तेरी महर की नज़र चाहता हुं,
दुआओं में अपनी असर चाहता हुंमैं तेरी महर
तमन्ना मचलके ये गाने लगी है,
तेरी याद भगवन सताने लगी है,
तुझे हालेदिल की ख़बर चाहता हुं,
दुआओं में अपनी असर चाहता हुंमैं तेरी महर
तरसते है नैना ओ महावीर आओं,
तुम्हारे है हम युं ना हमको सताओं,
इबादत तेरी हर पहर चाहता हुं,
दुआओं में अपनी असर चाहता हुंमैं तेरी महर
मेरे दिल की सुनी महफिल सजादे,
तुझे कैसे पाउ ये तुही बतादे
जो तुझसे मिला देसफर चाहता हूं
दुआओं में अपनी असर चाहता हुंमैं तेरी महर
तुझसे मिलन की प्यास जगी है,
आओगे इक दिन ये आस लगी है,
सबेगम की अब मैं सहर चाहता हूं
दुआओं में अपनी असर चाहता हुंमैं तेरी महर

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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