उज्जैन का प्रसिद्ध तीर्थ :- श्री अवन्ति पार्श्वनाथ :- इतिहास :- आचार्य श्री सिद्धसेन दिवाकर जी द्वारा कल्याण मंदिर स्तोत्र इसी तीर्थ पर रचा गया . शिवालय में दर्शन करके कुछ संकेत मिला और वही शिवलिंग के समक्ष पैर रखकर सो गए . प्रातः पंडित के देखने पर राजा विक्रमादित्य को बतया गया और राजा के आदेश पर उनपर कोड़े बरसाए गए . पर कोड़ों का प्रहार उन्हें न लगकर रानियों को लगना शुरू होगया ! राजा ने तुरंत आदेश वापिस लिया और गुरुदेव के चरणों में ए और पुछा आप क्या चाहते हैं ! तब आचार्य श्री सिद्धसेन दिवाकर जी ने राजा को संकेत बतया और उनसे आज्ञा लेकर कल्याणमन्दिर स्तोत्र की रचना शुरू की और 11 वी गाथा पूरी होते ही शिवलिंग में से यह प्रतिमा प्रकट हुई ! जिसे विक्रमादित्य को जैन धर्म पर आस्था हुए जिसके फलस्वरूप जिनशासन की अनेक कार्य सम्पन हुए! .
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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