यह कर्मभूमि है, जिसने जो बीज बोया सो पाया। न प्रकृति का दोष... न परमात्मा का...। कर्म रूपी कलम सबकी अपने हाथ में है। इसलिये कोई बनता है महान... और कोई साधारण...!!
BEST REGARDS:-
ASHOK SHAH & EKTA SHAH
LIKE & COMMENT - https://jintirthdarshan.blogspot.com/
THANKS FOR VISITING.
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.