ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

"मृत्यु" - एक कड़वा सच

मिली थी ज़िन्दगी किसी के
काम आने के लिए 
पर वक्त बीत रहा है कागज
के टुकड़े कमाने के लिए 
क्या करोगे इतना पैसा कमाकर
ना कफन में जेब होती है
ना कब्र में अलमारी
और ये मौत के फरिशते
तो रिश्वत भी नहीं लेते!

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