ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......







नाम है तेरा तारण हारा कब तेरा दर्शन होगा……..
नाम है तेरा तारण हारा कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर, वो कितना सुन्दर होगा – 2
तुमने तारे लाखो प्राणी
यह संतो की वाणी है
तेरी छवि पर मेरे भगवन
ये दुनिया दीवानी है – 2
भाव से तेरी पूजा रचाओं, जीवन में मंगल होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर, वो कितना सुन्दर होगा – 2
सुरवर मुनिवर जिनके चरण में
निशदिन शीश जुकते है
जो गाते है प्रभु की महिमा
वो सब कुछ पा जाते है – 2
अपने कष्ट मिटाने को तेरे, चरणों का वंदन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर, वो कितना सुंदर होगा – 2
मन की मुराते लेकर स्वामी
तेरे चरण में आये है ,
हम है बालक , तेरे जिनवर
तेरे ही गुण गाते है – 2
भाव से पार उतरने को तेरे, गीतों का सरगम होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर, वो कितना सुंदर होगा – 2
नाम है तेरा तारण हारा …

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