जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए हैं। सभी तीर्थंकरों की पहचान उनके अलग-अलग चिह्नों द्वारा होती है। ये पहचान चिह्न निम्नानुसार हैं
ऋषभदेव (Rishabhdev) – सॉड
अजितनाथ (Ajitnath) – हाथी
संभवनाथ (Sambhavanath) – घोडा
अभिनंदन (Acclamation) – कणी
सुमतिनाथ (Sumatinath) – क्रॉच सारस
पद्मप्रभु (Padmaprabhu) – कमल
सुपार्श्वनाथ (Suparshvanath) – स्वास्तिक
चंद्रप्रभ (Chandraprb) – चन्द्र
सुविधिनाथ (Suvidhinath) – मकर
शीतलनाथ (Sheetalnath) – श्रीवत्स
श्रेेयांसनाथ (Shreyansanath) – गैंडा
वासुपूज्य (Vasupujya) – भैंस
विमलनाथ (Vimalnath) – सूूकर
अनंंतनाथ (Anantnath) – बाज
धर्मनाथ (Dharmanath) – वज्र
शांतिनाथ (Shantinath) – हिरन
कुंथुनाथ (Kunthunath) – बकरा
अरनाथ (Aranath) – नन्धावर्त
मल्लिनाथ (Mallinath) – पिचर कलश
मुनि सुव्रत (Muni Suwrt) – कच्छप
नेमिनाथ (Neminath) – नीलकमल
अरिष्टनेमि (Arishtanemi) – शंख
पार्श्वनाथ (Parshvanath) – सर्प
महावीर स्वामी (Mahavir Swami) – सिंह
अजितनाथ (Ajitnath) – हाथी
संभवनाथ (Sambhavanath) – घोडा
अभिनंदन (Acclamation) – कणी
सुमतिनाथ (Sumatinath) – क्रॉच सारस
पद्मप्रभु (Padmaprabhu) – कमल
सुपार्श्वनाथ (Suparshvanath) – स्वास्तिक
चंद्रप्रभ (Chandraprb) – चन्द्र
सुविधिनाथ (Suvidhinath) – मकर
शीतलनाथ (Sheetalnath) – श्रीवत्स
श्रेेयांसनाथ (Shreyansanath) – गैंडा
वासुपूज्य (Vasupujya) – भैंस
विमलनाथ (Vimalnath) – सूूकर
अनंंतनाथ (Anantnath) – बाज
धर्मनाथ (Dharmanath) – वज्र
शांतिनाथ (Shantinath) – हिरन
कुंथुनाथ (Kunthunath) – बकरा
अरनाथ (Aranath) – नन्धावर्त
मल्लिनाथ (Mallinath) – पिचर कलश
मुनि सुव्रत (Muni Suwrt) – कच्छप
नेमिनाथ (Neminath) – नीलकमल
अरिष्टनेमि (Arishtanemi) – शंख
पार्श्वनाथ (Parshvanath) – सर्प
महावीर स्वामी (Mahavir Swami) – सिंह
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