ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

શ્રી સુવિધિનાથ સ્વામી..



भगवान के चिन्ह का महत्व
मकर – यह भगवान पुष्पदंत /सुविधिनाथ का प्रतीक है | मकर समुद्र में रहता है जहां अथाह जल होता है | उस विशाल जलराशी में यह डूबता नहीं है | मस्ती से तैरता रहता है | मकर के इस गुण से हमें यह शिक्षा मिलती है कि संसार में , भोग -विमास , धन, सत्ता आदि के बीच रहकर भी उसमें मिप्त न बने | मकर की तरह मस्ती में रहें | मस्त होकर रहें , उसमें डूबें नहीं | जल में रहकर जल पर तैरने का गुण हम मकर से सीख सकते हैं | मकर जब किसी को अपने दांतो से पकड लेता है , तो उसे छोडता नहीं है , उसे निगल जाता है | मकर की पकड बडी जबरदस्त होती है | गाहग्गहीए माहसेवडरन्ते ‘ भैंसा मकर के द्वारा जल में पकडे जाने पर अपना पैर छुडवा नहीं सकता | कामदेव के ध्वज में भी मकर का चिन्ह है , जो सूचित करता है कि जिसके मन में विषय -लालसा रहेगी वह वासना के मगरमच्छ द्वारा मारा जाएगा | मकर की पकड के गुण से हम यह शीक्षा भी ले सकते हैं कि हम एक बार धर्म का मार्ग पख़ड लेने पर उसे छोडे नहीं |

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