ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

मनमोहन पार्श्वनाथ मंदिर, इंदौर


मेरी प्यास को मरुथल लिखना, 
आंसुओ को तू लिखना समन्दर...
हार छुपा के रखना मेरी,
मेरी जीत को लिखे सिकंदर...
पीड़ मेरी तू लिख न लिख, 
दिल को मेरे मंदिर लिखना...
मेरी नजरे झुके पार्श्व चरण में..
ह्रदय रहे भैरू शरण में नश्वर...!!
जय जिनेन्द्र

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