ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ" ...


बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ" ...

निजलीन परम स्वाधीन बसों
प्रभु तुम सुरम्य शिवनगरी में
प्रतिपल बरसात गगन से हो
   रस पान करो शिव गगरी से...


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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