हे ये पावन भूमि यहाँ बार बार आना
है ये शाश्वत भूमि यहाँ यहाँ बार बार आना
नवकारके मंत्रोका तुम जाप जपा लेना
है ये शाश्वत भूमि.........
नवकारके मंत्रोका तुम जाप जपा लेना
है ये शाश्वत भूमि.........
तेरा प्रांगण पावन है
सिध्धगिरिका आंगण है
तेरा ध्यान धरके यहाँ
परमानंद पाना है .....
सिध्धगिरिका आंगण है
तेरा ध्यान धरके यहाँ
परमानंद पाना है .....
है ये शाश्वत भूमि......
तेरी भूमि हरियाली है
शेत्रुंजीने सिंची है
प्रकृतिकी गोदीमें
मंत्रोच्चार करना है
शेत्रुंजीने सिंची है
प्रकृतिकी गोदीमें
मंत्रोच्चार करना है
है ये शाश्वत भूमि.....
नवकारसे सिद्धि है
नवकारसे रिद्धि है
नवकारसे रिद्धि है
नवकार करे भवपार
बेडा पार लगाना है
बेडा पार लगाना है
हे ये शाश्वत भूमि यहाँ बार बार आना
नवकारके मंत्रोका तुम जाप जपा लेना
नवकारके मंत्रोका तुम जाप जपा लेना
जय नवकार ...जय गिरिराज
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