ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

हे ये पावन भूमि यहाँ बार बार आना है ये शाश्वत भूमि यहाँ यहाँ बार बार आना

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हे ये पावन भूमि यहाँ बार बार आना
है ये शाश्वत भूमि यहाँ यहाँ बार बार आना
नवकारके मंत्रोका तुम जाप जपा लेना
है ये शाश्वत भूमि.........
तेरा प्रांगण पावन है
सिध्धगिरिका आंगण है
तेरा ध्यान धरके यहाँ
परमानंद पाना है .....
है ये शाश्वत भूमि......
तेरी भूमि हरियाली है
शेत्रुंजीने सिंची है
प्रकृतिकी गोदीमें
मंत्रोच्चार करना है
है ये शाश्वत भूमि.....
नवकारसे सिद्धि है
नवकारसे रिद्धि है
नवकार करे भवपार
बेडा पार लगाना है
हे ये शाश्वत भूमि यहाँ बार बार आना
नवकारके मंत्रोका तुम जाप जपा लेना
जय नवकार ...जय गिरिराज

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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