जोधपुर से साठ किलोमीटर दूर स्थित ओसियां में
आध्यात्मिक क्षेत्र है। यह क्षेत्र रेगिस्तान में झरने के समान है।
यहां स्थित महावीर स्वामी का
प्राचीन मंदिर अपनी बेहतरीन
शिल्पकला के लिए जाना जाता है। मंदिर में स्थापित महावीर
स्वामी की प्रतिमा बालू मिट्टी और
दूध के मिश्रण से बनी हुई है। अब इस प्रतिमा पर सोने
का लेप किया हुआ है। दो तरफ भगवान आदिनाथ जी की मनमोहक प्रतिमा जी है । ऐसा है ओसियां का जैन मंदिर...
- यहां के सोलह शैव, वैष्णव व जैन मंदिर आठवीं से
बारहवीं शताब्दी में निर्मित माने गए है।
- ये प्रतिहार कालीन स्थापत्य कला व संस्कृति के
उत्कृष्ट प्रतीक माने गए है।
- इस मंदिर से पूर्व यहां पर शैव व वैष्णव संप्रदाय के मंदिर बने
हुए थे।
- आठवीं शताब्दी में जैन आचार्य रत्न प्रभु
सुरीश्वर ने यहां के राजा उपल देव सहित अन्य लोगों को
हिंसा का मार्ग त्याग जैन धर्म के अहिंसक सिद्धांत की
तरफ मोड़ा।
- इसके बाद ओसियां में यह जैन मंदिर विकसित हुआ। इस मंदिर
की बेतरीन शिल्पकला को देखने दुनियाभर से
लोग पहुंचते है।
- कई शोधकर्ता यहां की स्थापत्य कला का अध्ययन
करने के लिए आते है।
- लोग उस दौर की कारीगरी को देख
हैरत में पड़ जाते है।
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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