श्री जगवल्लभ पार्श्वनाथ
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भक्तिपूर्वक इनके दर्शन करने के बाद
कभी कोई "कलंक" लगने की बात तो छोडो,
पूरे संसार में हम "प्रिय" हो जाते हैं.
स्वयं पार्श्वनाथ भगवान् जगत में सबसे अधिक प्रिय हैं.
वर्तमान में सबसे अधिक प्रतिमाएं उनकी हैं
उनसे "जुड़कर" हम उन्हें प्रिय हो जाते हैं.
फिर जगत में हम भी "प्रिय" हो जाते हैं.
सबका प्रिय हो जाना,
सबसे मैत्री हो जाना,
ये तीर्थंकरों का गुण है.
इनके "दर्शन" करके अपने जीवन को "धन्य" बनाएं.
विशेष:
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जाप मन्त्र:
ॐ ह्रीं श्री जगवल्लभ पार्श्वनाथाय हर हर स्वाहा ।।
(इस मन्त्र के साथ अन्य कोई भी अक्षर ना जोड़ें).
श्री आदिनाथ जिनालय
रांदेर गाँव, सूरत
BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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