ॐ ह्रीँ श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नम: દર્શન પોતે કરવા પણ બીજા મિત્રો ને કરાવવા આ ને મારું સદભાગ્ય સમજુ છું.........જય જીનેન્દ્ર.......

अरिहंत के दर्शन करने मात्र से दुर्गति का नाश होता है!*

Image may contain: 1 person

जय जीनेंद्र
*अरिहंत के दर्शन करने मात्र से दुर्गति का नाश होता है!*

*अरिहंत के दर्शन का परिणाम दर्शन विशुद्धि है. दर्शन विशुद्धि का परिणाम समकित है. समकित का परिणाम मोक्ष है.*

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
LIKE & COMMENT - https://jintirthdarshan.blogspot.com/
THANKS FOR VISITING.

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.